बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रखने के लिए विभाग तत्पर

- एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं की टीम करेगी अनुश्रवण - प्रभावित प्रखंडों से प्रतिदिन ली जा रही अनुश्रवण रिपोर्ट

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का प्रभाव देखने को मिलने लगा है। बाढ़ का पानी ग्रामीण इलाकों में घुस चुका है। जिससे कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयार पूरी कर रखी है। जिला स्वास्थ्य समिति ने प्रभावित इलाकों की निगरानी और अनुश्रवण करने के लिए टीम का गठन किया है। जिसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं शामिल होंगी। जो बाढ़ के इलाकों में स्थित वार्डों में प्रतिदिन लोगों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को देंगी। साथ ही, उन इलाकों में स्थित गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं आदि की उम्र वर्ग के अनुसार लाइनलिस्टिंग करेंगी। ताकि, आपात स्थिति में उनको स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराया जा सके।

चलंत बोट डिस्पेंसरी के लिए मेडिकल टीम का किया जा रहा गठन :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, बाढ़ के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिए विभाग ने पूरी तरह से तैयारी कर रखी है। दवाओं के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मियों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिन प्रखंडों में बाढ़ के पानी के कारण गांवों का संपर्क टूट चुका है, वहां के लिए चलंत बोट डिस्पेंसरी के लिए जल्द मेडिकल टीम का होगा गठन किया जा रहा है। ताकि, लोगों तक दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचायी या जा सके।

उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही संबंधित इलाकों में जलजमाव के कारण मलेरिया, डेंगू, डायरिया आदि से लोग बीमार होने लगते हैं। विभाग ने बाढ़ का पानी उतरने के बाद जलजनित रोगों के निपटने की भी तैयारी कर ली है।

गर्भवती, बुजुर्ग व बच्चों पर रहेगा खास ध्यान :

डॉ. नाथ ने बताया, विभाग के निर्देशानुसार जिन गर्भवती महिलाओं का प्रसव बाढ़ अवधि के दौरान होना संभावित है, उनका विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रसव पीड़ा से पूर्व ही उनको स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर कर दिया जाएगा। जिनको लाने के लिए विशेष मेडिकल टीम जाएगी।

इनके अलावा इस दौरान नवजात शिशु, विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले लोग, दिव्यांग, गंभीर बीमार, ऐसे मरीज जिन्हें स्वास्थ्य संस्थानों में रेफरल की आवश्यकता है, आदि की लिस्ट तैयार कर ली गई है। साथ ही, ऐसे क्षेत्र जहां महामारी का संकेत हो, उन जगहों पर आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इन क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर आवश्यक औषधियों की समुचित मात्रा में उपलब्धता कराई जा रही है।

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