पहले पुलिस ने तोड़े सीसीटीवी…फिर किसानों के घर में घुसी पुलिस
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | चौसा थर्मल पावर प्लांट के बाहर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हुई थी। इसमें कई किसान और पुलिस वाले घायल हुए हैं। किसानों ने बताया कि कुछ लोगों ने पुलिस के डर से परिवार के साथ पूरी रात खेत में छिपकर काटी। कुछ ने कहा कि हम घरों में नहीं मिले तो पुलिस वालों ने तोड़फोड़ की। गाड़ियों और सामान तोड़े गए। बच्चों और महिलाओं के साथ मारपीट की गई।
यहां के एक किसान ने हमें घर का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया। इसमें कुछ पुलिस वाले दिखाई दे रहे हैं। घर में घुसने से पहले पुलिस वालों ने सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। किसानों ने पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट और लूटपाट का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सिपाही गहने और चांदी की मूर्तियों तक चुराकर ले गए।
वहीं डीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि पब्लिक के घायल होने की सूचना नहीं है। महिलाओं ने पथराव किया है, इसका वीडियो भी है। अगर पुलिस-प्रशासन ने किसी के साथ दुर्व्यवहार किया है तो उसपर जरूर कार्रवाई होगी। जिस गांव में प्रदर्शनकारी धरने पर थे वहां हम लोगों पर भी पथराव किया गया था। इसी क्रम में हमलोगों ने गिरफ्तारी की है।
डीएम के अनुसार 20 किसानों को पुलिस गांव से गिरफ्तार कर ले गई है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गांव से 20 से 25 की संख्या में किसान गायब हैं। या तो पुलिस उठा ले गई होगी या उनके साथ कुछ अनहोनी हुई है। सही-सही जानकारी अभी मिल नहीं रही है।
बनारपुर की रहने वाली महिला आशा तिवारी ने बताया कि पुलिस आई और मारने पीटने लगी। मेरे पति और ससुर प्रदीप और राजेंद्र तिवारी को मारने लगी। बच्चों को भी पीटा। हम लोग बोल रहे थे कि मत मारिए लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। उनका सिर भी फट गया। उनको बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पड़ोसी संतोष राय उर्फ पिपुल राय ने बताया कि धरने के बाद पहले प्रशासन आई। गांव में घुसकर मारपीट शुरू कर दी। दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। मेरे चाचा का छोटा भाई राजेंद्र को जमकर मारा है। किसान ने फायरिंग नहीं की है। प्रशासन की ओर से ही 8 से 10 राउंड फायरिंग की है।
बक्सर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने दुख जाते हुए कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। पूर्व में किसानों की मांगों को लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से बातचीत हुई थी। सकारात्मक परिणाम भी सामने आए थे।
किसानों के साथ अन्याय न हो, इसके लिए पूर्व में कई सकारात्मक बातचीत और कदम उठाए गए हैं। बुधवार को हुई घटना दुःखद है। उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील की है।