मनरेगा के कार्यों में लूट पर मची छूट, आधा अधूरा कार्य पर होती पैसे की निकासी
बक्सर अप टू डेट न्यूज़|चौगाईं :- मनरेगा योजना के लगभग सभी विकास के कार्यो घोटाले की भेंट चढ़ रही है। मनरेगा के कार्य में खुली लूट पर छूठ मची रहती है। जनप्रतिनिधि और मुखिया द्वारा सबसे ज्यादा मनरेगा के मिट्टी कार्य कराने में रुची रखते है। मनरेगा योजना भले ही गरीबों के लिए बनाई गई हो, लेकिन इसका फायदा सबसे ज्यादा जनप्रतिनिधि के द्वारा ली जाती है। हालांकि मनरेगा के कार्यों को जांच किया जाये तो सबसे ज्यादा बड़ा घोटाला सामने आ जायेगा।
चौगाईं प्रखंड के मॅसार्हिया, नाचाप और मुरार पंचायत में मनरेगा के मिट्टी यानी करहा का कार्य तेजी से चल रहा है। पंचायत में मनरेगा का एक योजना लगभग एक लाख रूपये की लागत से किया जा रहा है। जिसमे करहा के कार्य में लगभग अधिकारी व कर्मी के अनुसार 2 फिट मिट्टी का कटाई करवाना है। लेकिन मुखिया जी के अनुसार 1 फिट मिट्टी कटाई का कार्य करना है। पर इस कार्य में न तो मुखिया जी के अनुसार और न ही अधिकारी के अनुसार कार्य किया जा रहा है।
आधा फिट मिट्टी कटाई तो कही केवल घास छिल कर कार्य पूर्ण
हर पंचायत चल रहे मनरेगा मिट्टी कार्य में लगभग आधा फिट मिट्टी कटाई तो कही केवल घास छिल कर कार्य पूर्ण किया जाता है। हालांकि अब ये देखना होगा की अधिकारी के द्वारा इस कार्य को सही से कराया जाता है या इस आधा फिट मिट्टी कटाई के कार्यो पर कार्य को पूर्ण दिखा कर मजदूरों के खाते में पैसा का भुगतान किया जाता है।
वही इस संबंध में चौगाईं कार्यक्रम पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्हों ने बताया कि पंचायत के हर योजना का अलग अलग एस्टीमेट होता है। और उस एस्टीमेट के अनुसार मिट्टी का कटाई की जाती है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जो कार्य एस्टीमेट के अनुसार नहीं हो रही है उस कार्य को जांच किया जायेगा या उसी कार्य को पूर्ण दिखा कर पैसे की भुगतान करना शुरू हो जायेगा।