नारी वैष्णव हो जाए तो घर ही हो जाता है वैकुंठ : आचार्य
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | सदर प्रखंड के हनुमत धाम मंदिर कमरपुर में विश्व विख्यात संत नारायण दास भक्तमाली मामा जी महाराज की 15वें पुण्य स्मृति समारोह के दूसरे दिन श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए आचार्य महंत श्री नरहरि दास जी महाराज ने श्रीराम जन्म का प्रसंग सुनाया। जिसको सुनकर भक्त भावविभोर हो गए। इससे पूर्व सुबह से ही रामचरितमानस की सामूहिक अखंड पाठ व भक्तमाल सस्वर गायन का कार्यक्रम चला। दोपहर में कथा के दौरान अयोध्या धाम से पधारे नरहरि दास जी महाराज ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ग्रंथो में भागवत तो धर्मो रामायण सर्वश्रेष्ठ है। अगर राजा वैष्णव हो जाए तो राज्य का कल्याण हो जाएगा, अगर कोई ब्राम्हण वैष्णव हो जाय तो पूरे समाज का कल्याण हो सकता है और वही अगर नारी वैष्णव हो जाय तो घर ही वैकुंठ हो जाता है।
कथा सुनाते हुए आचार्य श्री ने राम जन्म और सीता जन्म की प्रसंग सुनाते हुए कहे कि राजा दशरथ उदास होकर चिंतित है, चिंतित होकर गुरु वशिष्ठ के यहां जाते हैं और अपना सारी दुख सुनाते हैं। इसके बाद गुरु वशिष्ठ जी ने सारा विधि से राजा दसरथ को समझाया। वशिष्ट जी ने उन्हें सरयू नदी के तट पर पुत्रेष्टि यज्ञ करने की सलाह देते हैं। तत्पश्चात राजा दशरथ सरयू नदी के तट पर बैठ यज्ञ प्रारंभ करते हैं। यज्ञ के दौरान अग्नि देव प्रकट होते हैं तथा खीर का प्रसाद उन्हें प्रदान करते हैं। खीर प्रसाद खाने के बाद माताओं ने गर्भ धारण करती है। और वह समय आ जाता है जिस समय का श्रीराम का जन्म होने वाला है। इसके बाद देवताओं ने मिल कर गाने लगते देव वृन्द मिल आवो जी, अपना सौभाग्य मनायो जी । भजन सुन ग्रामीण भी नाच उठे। इसके बाद बधाई गीतों से पूरा परिसर झूम उठता है।
जय हो चक्रवर्ती जी बधाई है बधाई है
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा । कीजै सिसु लीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा।। सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना, ह्वै बालक सुरभूपा । यह चरित जे गावहिं हरि पद पावहिं ते न परहि भवकूपा ।। इसके बाद रामजन्म की बधाई बजने लगती है। जायो कौशल्या जी ने लल्ला, मुहल्ला में हल्ला सो मचि गयो। प्रगट है राघो राजकुमार, हो बधाई गाओ। वही, पूज्य गुरुदेव श्री रामचरित्र दास जी महाराज ने रामजन्म की बधाई घर घर आनंद छायो अयोध्या नगरी में। जय जय चक्रवर्ती जी बधाई है बधाई है। सुन पूरे पंडाल नाचने लगा। भगवान के जयघोष वातावरण गुंजायमान हो जाता है। वही इसके बाद आचार्य जी ने सीता जन्म की कथा विस्तार से सुनाया।
कार्यक्रम में सिया दीदी, विनीता दीदी, बचा जी, रविलाल, रामु, दीनदयाल, कुंदन पांडेय, श्री ठाकुर पांडेय, प्रदुम शुक्ला, अभय पांडेय, पंकज सिंह, नीतीश सिंह, त्यागी जी, श्याम प्रकाश, बिकी समेत कमरपुरवासी मौजूद रहे।