जल गया अहंकार का रावण, बिखरी सत्य की रोशनी

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | विजयादशमी के मौके पर रावण का वध हो गया। भगवान राम के तीर से बुराई का प्रतीक रावण धू-धू कर जल उठा। जलते रावण की रोशनी से सत्य का प्रकाश दिलों को सत्य की राह पर संकल्पित कर गया।

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किला मैदान का नजारा ही कुछ और था। करीब 5 बजे तक रावण और मेघनाथ के पुतले सीना तान कर खड़े थे। दर्शक जलते रावण का दीदार करने के लिए बेताब थे। इस दौरान मैदान के पास ही एक मंच पर पहले श्रीराम और रावण का युद्ध हुआ और उसके बाद श्रीराम ने अपने तीर से रावण का वध कर दिया।

रावण की नाभि में तीर लगते ही उसकी मृत्यु हो गयी। सबसे पहले मेघनाद और फिर रावण के पुतले को आग लगा दी। इसके बाद जय श्रीराम, जय हनुमान के नारे गूंज उठे।

रावण वध कार्यक्रम देखने के लिए लोग इतने उतावले दिखे की लोग पानी टंकी पर चढ़ कर कार्यक्रम का लुप्त उठाये| लाखों लोगों से पूरा किला मैदान भरा हुआ था| लोग नजर लगाये खड़े थे|

कार्यक्रम में बक्सर संसाद सह केन्द्रीय मंत्री, बक्सर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत अन्य लोग उपस्थित रहे|

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