कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर का भाई मुन्ना राजभर गिरफ्तार
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | पुलिस को एक बड़ी सफलता हाँथ लगी है।50 हजार का ईनामी सामूहिक नरसंघार करने वाला मुन्ना राजभर को उसके एक साथी अजय पाण्डेय के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है।जिसकी जनकारी शनिवार की शाम बक्सर SP द्वारा दी गई।मुन्ना राजभर कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर का छोटा भाई है।जिसकी तलाश पुलिस को काफी वर्षो से था।पुलिस गुप्त सूचना के आधार DSP के नेतृत्व में टीम गठित कर लक्ष्मण डेरा से गिरफ्तार किया गया है।

SP का कहना था कि पहले तो पुलिस पहचान नही पाई क्यो की वह अपना पहचान छुपाने के लिये सभी पहचान पत्र मायाशंकर राम के नाम से बनवा लिया था।लेकिंन कड़ाई से पूछताछ में वह बता दिया कि मुन्ना राजभर है।बिहार के बक्सर जिला के अलावे उत्तर प्रदेश राज्य में कई हत्या की घटना को अंजाम दिया है तथा सभी कांडों में फरार चल रहा था।इसका दहशत इतना है कि क्षेत्र में इसके नाम पर रंगदारी देने वाले भी कुछ कहने से बच रहे है।तलाशी में इसके साथी अजय कुमार पाण्डेय के पास से एक 315 बोर का लोडेड देशी कट्टा, 05 जिन्दा कारतुस एवं एक मोबाइल बरामद हुआ तथा मुन्ना राजभर के पास से एक लोडेड देशी कट्टा, 07 जिन्दा कारतूस बरामद किया गया।
बता दें कि मुन्ना राजभर के भाई कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर को 2010 में 32 घण्टे चले पुलिस के साथ मुठभेड़ में सुरेश समेत कुल 7 अपराध कर्मियों को मार गिराया था ।मारे गए अपराधियों का शव लेने उनके परिजन भी नहीं पहुंचे थे।इस घटना के बाद से उसका भाई मुन्ना राजभर उसकी बची-खुची टीम के साथ नया गैंग बनाकर उसके साम्राज्य को संभाल रहा था।
भाई की मुखबिरी के आरोप में किया था नरसंघार
अपने भाई के मौत के बाद मुखबिरी करने के आरोप में पांच साल पूर्व 13 अप्रैल को तीन लोगों को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था।बताया गया कि लक्ष्मणपुर डेरा में रामबचन राय और संतोष राय का परिवार रात भोजन कर रहे थे। तभी धड़धड़ाते हुए मुन्ना राजभर अपने साथियों के साथ पहुचा और ताबतोड़ गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी। इस दौरान अंधाधुंध गोलियाँ बरसाते हुए अपराधियों ने तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान घर में मौजूद मृतक की पत्नी व बच्चों पर भी गोलियाँ चलाई पर खंभे की आड़ मिल जाने के कारण उन सभी की जान बच गई।जिसके बाद से ही यह भूमि गत चल रहा था।


