विवाह पंचमी के दिन चौपाई पाठ से वैवाहिक जीवन रहता है सुखमय : लक्ष्मी मिश्रा
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | श्रीराम विवाह उत्सव का प्रसंग सुनाते हुए श्री राम कथा वाचक लक्ष्मी मिश्रा ने कहा कि विवाह पंचमी के दिन”जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू,सो तेहि मिलइ न कछु संदेशु”चौपाई पाठ करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
भगवान राम एवं सीता का विवाह मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को हुआ था।इस दिवस को श्री राम विवाहोत्सव के रुप में मनाते हैं। विवाह प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कही कि महर्षि वशिष्ठ की आज्ञा से श्री राम ने शिव जी के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे, जिससे वह टूट गया। अतः अपनी प्रतिज्ञा अनुसार राजा जनक ने श्री राम से सिया जी का विवाह करा दिया।जब श्री राम एवं लक्ष्मण जी अपने गुरु विश्वामित्र जी के साथ मिथिला आते हैं तो चौपाई सुनाते हुए कहीं -सबहिं मनहिं मन किए प्रनामा,देखि राम भए पूरन कामा।।हरषे दशरथ सुतन्ह समेता।कहि न जाइ उर आनंदु जेता।।
श्री राम के साथ सिया के विवाह के साथ ही सभी भाइयों का विवाह संपन्न होता है।राजा दशरथ अपने चारों बहुओं के साथ अयोध्या लौटते हैं।इस अवसर पर अमर नवयुवक संघ के सदस्यों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय प्रतिनिधि विनय जी सहित अन्य की उपस्थिति रही।