वृद्ध जनों के पास छोटे बच्चों को बैठने से सद्संस्कार का होता है विकास : गंगापुत्र
महोत्सव के तीसरे दिन अखंड हरिकीर्तन व दोपहर में मिथिला प्रसंग की हुई कथा
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | सदर प्रखंड के हनुमत धाम कमरपुर गांव में आयोजित 16वें सदगुरुदेव पुण्य स्मृति महोत्सव का तीसरा दिन श्री अखंड हरिकीर्तन एवं दोपहर श्री भक्तमाल के सामूहिक पाठ के साथ शुभारंभ हुआ। वहीं श्रीमद्भागवत कथा के व्यास गंगापुत्र लक्ष्मीनारायण त्रिदण्डी स्वामी ने श्रीमद्भागवत की महात्म्य की कथा सुनाई।
उन्होंने ने बताया कि नित्य सुबह उठकर अपने माता, पिता एवं गुरु को प्रणाम करके उनके आज्ञानुसार कार्य करना चाहिए, जिससे भविष्य अत्यंत उज्जवल हो जाता है। ऐसा करने से उनका आयु, विद्या, यश और बल में वृद्धि होती है। भगवान राम के बाल्यावस्था से लेकर किशोरावस्था तक के प्रसंग बड़़े ही सरल एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। कहा कि रघुनाथ जी का चरित्र हमेशा सबके लिए अनुकरणीय है। प्रभु हमेशा अपने भक्तों के प्रबल प्रेम के वश में रहते हैं। अपने भक्तों को सुख और आनंद देंते हैं।
श्रीमद्भागवत की कथा प्रसंग के क्रम में उन्होंने कहा कि माता पिता की जिम्मेदारी बच्चों की पढ़ाई और योग्य होने तक ही है। हमारी चाह ही हमें बंधन में डालती है। वृद्ध जनों के पास छोटे बच्चों को बैठाना चाहिए। घर में ध्रुव, प्रहलाद, श्रीराम, श्रीकृष्ण, और पूज्य संतों का फोटो ही लगाना चाहिए। उससे बच्चों में सद्संस्कार का विकास होता है। संपूर्ण कार्यक्रम परम विरागी पूज्य श्री मामाजी के प्रथम शिष्य श्री राम चरित्र दास जी के सानिध्य में हनुमंत धाम में संपन्न हो रहा है।