रोहतास कोर्ट ने बक्सर निवासी युवक को क्यों सुना दी फांसी की सजा

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | जिला व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने 15 वर्षीया किशोरी के साथ दुष्कर्म एवं हत्या से जुड़े 14 साल पुराने मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोषी पाए एकमात्र अभियुक्त शाहिद निवासी धनसोई, बक्सर को कुल 76000 अर्थदंड सहित फांसी की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने अपने आदेश में अभियुक्त को भारतीय दंड विधान की धारा 448 में 1 साल कैद एवं ₹1000 अर्थदंड, धारा 376 में ₹25000 अर्थदंड सहित आजीवन कारावास एवं धारा 302 में ₹50000 अर्थदंड सहित फांसी की सजा सुनाई है। मामले की प्राथमिकी किशोरी की विधवा मां ने करगहर थाना कांड संख्या 88/2009 में दर्ज कराई थी। इस मामले का ट्रायल सत्र वाद संख्या 146/2010 में एडीजे प्रथम के न्यायालय में चल रहा था।

मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक विद्यासागर राय ने बताया कि उक्त घटना 16 जून 2009 को दोपहर 2:00 बजे करगहर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में घटी थी। बक्सर के धनसोई गांव का रहने वाला अभियुक्त शाहिद का दिनारा के महबूब मार्केट में किराना का दुकान था।

सेमरी गांव में अभियुक्त शाहिद की बहन का घर था। जहां वह अक्सर आता जाता रहता था। इसी क्रम में घटना तिथि के दिन अभियुक्त सेमरी गांव में आया हुआ था। तभी उसकी नजर पड़ोस से अपने घर में उपला बनाकर आई किशोरी पर पड़ी। जिसके बाद अभियुक्त ने बुरी नियत से किशोरी को घर में अकेले पाकर अकेले का फायदा उठाते हुए दिनदहाड़े दोपहर 2:00 बजे उसके घर में जबरन घुस कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया एवं घटना का खुलासा होने के डर से अभियुक्त शाहिद ने किशोरी की गला दबाकर हत्या कर दी थी।

इस मामले में अभियोजन पक्ष के तरफ से कुल 11 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने अभियुक्त को इस जघन्य हत्याकांड में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है।

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