ना शराब पिएंगे और ना पीने देंगे की कहा गई कसम
गोपलगंज ,छपरा,नलन्दा के बाद अब बक्सर में जहरीली शराब से मौत,मौके पर पहुंचे DM कर रहे है पूछताछ
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- “ना शराब पिएंगे और ना पीने देंगे की कसम बिहार में फिर झूठी साबित हुई है।पहले गोपालगंज उसके बाद छपरा,फिर नालन्दा और आज बक्सर जिले में कथित जहरीली शराब पीने से पांच बीबियों की मांग सुनी हो गई तो वही कई बच्चे अनाथ हो गए है। अन्य की भी स्थिति भी कुछ ठीक नही है। लेकिन सरकार के लोग अब भी केवल गलती को छुपाने में लगे हुए हैं ना कि गलती को स्वीकार करने और उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा हो। हालांकि इस घटना के बाद से ही प्रशासन के हाथ पांव फुले हुए है।पूरा जिला प्रशासन सुबह से ही आमसारी गांव में डेरा डाले हुए है।
घटना के बाद से ही पुलिस द्वारा गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया।जिले के अधिकतर थाने मौके पर पहुंच आसपास के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर शराब माफियाओ की धर पकड़ प्रारम्भ कर दिया गया।हालांकि अभी तक इस छापेमारी में पुलिस को कुछ हासिल नही हो पाया है।लेकिन छापेमारी अभी भी जारी है जिससे लोगो मे हलचल और उत्सुकता है कि कहां से कौन शराब माफिया पकड़ा गया।
इस घटना के बाद से गांव की गलियों में सन्नाटा
एक साथ इतनी संख्या में प्रशासन की चहल कदमी से गांव के लोग सहमे हुए है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। गलियों में वर्दी पहने पुलिस व जिला के अधिकारीमहिलाएं,व बच्चे अपने छतों पर चढ़ पुलिस व प्रशासन की गतिविधियों को देख रहे है।बात दे कि घटना के सूचना के बाद ही पूरा जिला प्रशाशन बक्सर के आमसारी गांव पहुंच गया है।डीएम अमन समीर,SP बक्सर नीरज कुमार प्रत्येक पीड़ितों के घर पहुंच मृतक परिजनों से घर से कब गये आये तो क्या हुआ जिसमें सभी परिजनों एक बात सेम बताया गया कि पहले माथा में दर्द हुआ उसके बाद पेट मे दर्द हुआ है। हालांकि आंख से दिखाई न देने वाला लक्षण यंहा नही मिला है।
घटना के बाद गलियों में पसरा सन्नाटा,ग्रामीणों ने कहा शराब पीने के बाद ही हुई मौत
DM अमन समीर द्वारा बताया गया कि अभी तक यंही मामला सामने आया है की आमसारी गांव में सफेद प्रकार की लिक्विड सेवन करने के बाद से पहले तबियत बिगड़ी उसके बाद पांच लोगों की मौत हो गई ।दो लोग अभी इलाजरत है।वही उन्होंने कहा कि इसपर जांच टीम को लगाया गया है।मौके से कुछ प्लास्टिक को इकट्ठा किया गया है।दोषियों पर करवाई की जायेगी।
बिहार में शराबंदी के 5 वर्ष बीत जाने के बाद यह साफ हो गया है कि बिहार में शराबबंदी को लागू करना प्रशासन की बस की बात नही है।ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि स्थानीय थाना को शराब बिक्री की सूचना दी जाती है।लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने की बजाय ,दुसरो के घर को खंगालने लगी है।