मुक्ति धाम का बहुत जल्द होगा काया कल्प,अपनो के अंतिम संस्कार में होगी सहूलियत
सात निश्चय पार्ट-2 के तहत 8 करोड़ की लागत से बनेगा दो विद्युत और चार लड़की शवदाह गृह
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- कोरोना संक्रमण के दौरान मुक्तिधाम की व्यवस्था पर खूब सवाल उठे थे। विद्युत शवदाह गृह नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ा था और लकड़ी विक्रेताओं की मनमानी सुर्खियों में रही थी। जिसके बाद नगर परिषद ने श्मशान घाट पर दो यूनिट विद्युत शवदाह गृह के निर्माण का निर्णय लिया था।
इसके साथ ही लकड़ी से शवदाह के लिए भी चार शेड प्लेटफॉर्म बनाए जाने का प्रस्ताव बना था। इस पर निविदा के लिए जो प्राक्कलन तैयार किया गया उसमें 10 करोड़ 54 लाख रुपये का प्रस्ताव नगर आवास विकास विभाग को भेजा गया था।अब प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
लकड़ी के मुकाबले बिजली से शवदाह सस्ता
बक्सर का धार्मिक महत्व होने के कारण निर्माण की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही थी। बताया जाता है कि लकड़ी के मुकाबले बिजली से शवदाह सस्ता पड़ता है। पटना के श्मशान घाटों पर विद्युत शवदाह के लिए पांच सौ रुपये का शुल्क लिया जाता है। जबकि, लकड़ी से शवदाह में इससे दस गुणा से ज्यादा खर्च आता है और आर्थिक रूप से कमजोर लोग के लिए स्वजन की अंतिम क्रिया परेशानी का कारण बन जाती है। इसी वजह से गंगा में अधजले शव बहाए जाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण को ले वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय ने भी बिहार सरकार को सभी जिले में विद्युत शवदाह गृह निर्माण का निर्देश दिया। इसके बाद से ही जिले में निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई है।यह निर्णय बिहार सरकार द्वारा आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय 2 के अन्तर्गत लिया गया है। इस योजना के निर्माण होने से नदी के किनारे होने वाले प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण को रोका जा सकेगा। विद्युत शवदाहगृह एवं मोक्षधाम के नहीं रहने के कारण विभिन्न मौसमों, खासकर बरसात के दिनों में दाह संस्कार का कार्य पूरा करने में आम नागरिकों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विद्युत शवदाहगृह एवं मोक्षधाम के बन जाने से दाह संस्कार की प्रक्रिया कम समय में सहूलियत के साथ पूरी की जा सकेगी।
₹872.182 लाख की लागत से बनेगा शवदाह गृह व शेड
नगर परिषद्, बक्सर के अंतर्गत शवदाह गृह निर्माण योजना का प्राक्कलन बुडको द्वारा समर्पित हुए प्रशासनिक स्वीकृति-सह-आवंटन देने का अनुरोध किया गया है। प्राक्कलन के साथ आवश्यक डिजाइन एवं नक्शा भी तैयार है। जिसको धरातल पर खड़ा करने के लिए आठ करोड़ बहत्तर लाख अठारह हजार दौ सौ रु० की लागत लगेगी।जिसके लिए राज्य से राशि उपलब्ध होने का इंतजार है।
कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद प्रेम स्वरूपम ने बताया कि दाह संस्कार की प्रक्रिया में प्रभावित परिवारों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य के जिला मुख्यालयों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाहगृह एवं मोक्षधाम निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है।जिसकी सात निश्चय 2 के तहत स्वीकृति भी मिल गई है।पैसा आवंटित होते ही काम शुरू कर दिया जायेगा।जिसमे दो इलेक्ट्रिक शवदाहगृह और चार लकड़ी शवदाह गृह बनाकर तैयार किया जाएगा।