पत्नी की अर्थी देखकर पति ने भी तोड़ा दम, साथ हुआ अंतिम संस्कार
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | कहता है सिंदूर तेरा, तेरी बिंदिया कहती है… लाखों में कोई एक सुहागन, सदा सुहागन रहती है…. साल 1986 में आई फिल्म सदा सुहागन की ये वो लाइनें हैं, जो बक्सर में लोगों ने खुद अपनी आंखों से सच होती देखी तो उनके भी आंसू निकल आए|
कहते हैं कि जब किसी की शादी होती है तो वो एक नहीं बल्कि सात जन्मों के लिए एक हो जाते हैं लेकिन फेरों के समय साथ जीने-मरने की कस्में खाने वाला जोड़ा अगर वाकई एक-साथ दुनिया को छोड़े तो प्यार की अलग ही मिसाल कायम हो जाती है| प्यार की अनोखी दास्तां के गवाह बक्सर के लोग बने हैं| इसे संयोग माना जाए या सच्चा प्यार… पर जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें छलक आईं|
दरअसल, नगर के मुख्य डाकघर के समीप के रहने वाले एक जोड़े ने लंबा दाम्पत्य जीवन जीने के बाद एक-साथ ही अपनी आखिरी सांसें ली| एक साथ ही दुनिया को अलविदा कहा| बताया जा रहा है की मंगलवार की अहले सुबह पत्नी की मौत की खबर सुनकर कुछ घंटे बाद पति की मौत हो गई। बेटों ने माता-पिता की एक साथ अर्थी सजाई। दोनों को एक साथ मुखाग्नि देकर दाह संस्कार किया।
मुख्य डाकघर के पास के रहने वाले 84 वर्षीय पति कमला प्रसाद और सोनार की 80 वर्षीय पत्नी रामदुलारी का अचानक निधन हो गया। पत्नी ने अहले सुबह पांच बजे के आसपास दम तोड़ा। घर में उनकी अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। उधर, पत्नी के जाने के गम में पति सदमे में चले गए। करीब दो से तीन घंटे बाद पति भी दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है की बुजुर्ग महिला कुछ दिनों से बीमार चल रही थी| भीषण गर्मी और उमस बर्दास्त नही कर पाई जिससे उसकी मौत हो गई। पति कमला प्रसाद सोनार पत्नी की मौत बर्दाश्त नहीं कर पाए और कुछ ही घंटों बाद उन्होंने भी दम तोड़ दिया।