फगुआ गीत में थिरकते नजर आए लोग, ढोलक की थाप पर चढ़ा रंग

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :-सोंधिला गाँव में फगुआ गीतों की फिजा गांवों में सुनाई दे रही है। गांवों में देर शाम के बाद ढोल-मंजीरा के बीच गीत की प्रस्तुति लोगों को होली का एहसास कराया। जिला के कई गांव में पारंपरिक होली गीत का आयोजन किया गया। सोंधिला गाँव में आयोजन कुशवाहा समाज के द्वारा की गई थी|

इस दौरान फगुआ गीत व वाद्य यंत्रों की धुन पर सभी झूमते नजर आए। फगुआ गीत व ढोलक की थाप सुनने के लिए आसपास के लोग भी इकट्ठा रहें। लोग टोली बनाकर ढोलक और मंजीरे की धुन पर गाते झूमते नज़र आए।

लंबे समय बाद होली में फगुआ गीतों का दिखा उत्साह

कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से पिछले 2 सालों के दौरान त्योहारों का उत्साह थोड़ा फीका पड़ गया था। एक लंबे अंतराल के बाद जब कोरोना वायरस तक नियंत्रण में है तो होली के त्यौहार को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है।

जगह-जगह होली मिलन समारोह को लेकर हर किसी की खुशियां देखते ही बन रही है। होली पर्व की अपनी एक अलग पहचान है ना कोई भेदभाव होता है और ना ही कोई गिले-शिकवे होते हैं।सभी मिलजुल कर रंगों के इस त्यौहार की रौनक में चार चांद लगा देते हैं।

फगुआ सिर्फ गीत नहीं हमारी परंपरा और विरासत है

गीत की आवाज के साथ जब ढोलक और मंजीरे की धुन गली-गली में गूंजती थी तो हर आदमी फगुआ के रंग में रंग जाता था। फगुआ सिर्फ गीत नहीं है बल्कि हमारी परंपरा और विरासत भी है। हालांकि, आधुनिकता के साथ-साथ हमारी परंपरा और विरासत गायब होती जा रही है। अब तो हवा की जगह डीजे का शोर बजने लगा है। अधिकतर गांव में यह परंपरा अब खत्म हो रही है।

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