विधि विधान से मनाया गया बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होलिका दहन

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- जिलेभर में गुरूवार की देर रात अर्धम पर अच्छाई की जीत होलिका दहन विधि पूर्वक किया गया। शहर में चौक-चौराहों व सार्वजनिक स्थल पर होलिका दहन किया गया।

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होलिका दहन के दौरान लोगों ने जमकर अबीर व गुलाल उड़ाए और डीजे व ढोल नगाड़े की थाप पर फगुआ गीत गाते हुए जमकर मौज मस्ती की। आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ लोग खुलकर एक-दूसरे से मिले। जब तक होलिका जलती रही मस्ती, उल्लास और हंसी ठिठोली का दौर चलता रहा। होलिका दहन के साथ ही रंगों का त्योहार होली शुरू हो गया।

शनिवार को मनाई जाएगी होली

होलिका दहन व होली का पर्व इस वर्ष आतर के कारण होली का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। होलिका दहन का कार्यक्रम शाम से ही शुरू हो गई थी। शाम से ही लोग घर-घर घूमकर लकड़ी, चिपरी, खर कतवार आदि एक जगह एकत्रित किए। उसके बाद देर रात्रि 12:57 बजे के बाद पंडित ने विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की। उसके बाद परंपरा के अनुसार सम्मत गाड़ी गई। तत्पश्चात होलिका दहन किया गया।

लोगों का कहना है कि होलिका दहन प्राचीन काल से चलते आ रहा है। ऐसी मान्यता है कि हिरण्यकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु की पूजा करता था। यह बात दानवराज को पसंद नहीं था। उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए। होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि जला नहीं सकती थी। लेकिन इसके ठीक विपरीत हुआ। होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ। इसी घटना की याद में हर साल होली की पूर्व संध्या पर होलिका का दहन किया जाता है।

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