चौसा श्मशान घाट बनने वाले रास्ते का एसडीओ ने किया निरीक्षण
बक्सर अप टू डेट न्यूज़, चौसा| कोरोना काल मे जिले के जिस श्मशान घाट पर सैकड़ो शव मीलने से हड़कंप मचा था।उसकी अब काया कल्प बदलने की प्रशासन की तैयारी जोरो पर है।मुख्य सड़क से पहुंच पथ निर्माणा कार्य प्रारम्भ को ले मंगलवार की दोपहर सदर एसडीओ धीरेन्द्र मिश्रा द्वारा निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। जहां रास्ते के लिए जमीन देने वाले दानदाता के साथ पवनी पँचायत के रोहित ओझा, डॉ मनोज कुमार ,उपप्रमुख मोहित दुबे एवं आसपास के जनप्रिनिधि मौजुद रहे।
बता दे कि इस श्मशान घाट पर तीन जिले बक्सर, रोहतास और कैमूर के 800 से अधिक गांव के लोग दाह-संस्कार करने के लिए पहुंचते है। यह घाट अंग्रेज के जमाने से ही दाह-संस्कार के लिए चयनित किया गया था। लेकिन, यहा आने-जाने का रास्ता आज तक नहीं बन पाया।अपने मृत परिजनों का दाह संस्कार के लिए घाट पर पहुचने वाले लोगो को ग्रामीणों के रैयती जमीन से होकर श्मशान घाट तक पहुचना पड़ता था।सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में होती है।रास्ते मे कीचड़और पानी होने के कारण लोग को 11किलोमीटर आगे बक्सर मुक्ति धाम पर पहुंच अंतिम क्रिया का कार्य किया जाता था। इस पर प्रशासन का ध्यान नही था।
कोरोना काल के दूसरी लहर 2021 के दौरान भास्कर द्वारा 10 मई को इस घाट पर एक साथ बहती सैकड़ो लासो की खबर छापा गया था।जिससे पूरे भारत मे हड़कम्प मच गया था।तब जाकर प्रशासन की नजर इस श्मशान घाट पर पड़ी छह महीने तक इस घाट पर प्रशासन द्वारा कैम्प किया गया।उसके बाद से ही घाट पर आनन फानन में लड़की और लाइट के लिए बिजलीं के खम्भे दौड़ाये गये।आज काफी प्रयास के बाद इसका अपना रास्ता भी होगा जिसके लिए कार्य प्रारम्भ कर दिया गया। बहुत जल्द ही यहां उच्च क्षमता का प्रकाश स्तंभ और शवदाह गृह का भी निर्माण किया जाएगा।
सड़क निर्माण के लिए पहले ही रैयतदारो कि सहमति से मापी कर चिन्हित कर दिया गया।बता दे कि इस सड़क के निर्माण में रैयत के मालिक रामचरित्र तिवारी ने अपनी भूमि दान दी है।जिसके लिए शर्त है कि इस पथ का नाम स्व.महेश तिवारी के नाम से हो।जिसके लिए अपने जमीन से 12 फिट का रास्ता दिया गया है।जिसके लिए एसडीओ के साथ ही ग्रामीणों ने भी इस परिवार का आभार जताया है।