दिखावे का प्रतिबंध, रोज सड़क पर कूड़े के साथ दिख रहा प्लास्टिक
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 कार्यक्रम के अंतर्गत स्वच्छ मिशन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन इसके बाबजूद भी लोगों में जागरूकता की कमी दिख रही है। शहर के कई जगहों पर कूड़े के ढेर देखा जा रहा है। हालांकि रोज कूड़े की सफाई भी हो रही है।
बिहार में पॉलीथिन पर प्रतिबंध तो लगा दिया है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका क्रियान्वयन नहीं दिख रहा है। आज भी सब्जी, किराना दुकानदार खुलेआम पॉलीथिनों का उपयोग कर रहे हैं। लोग भी कचरे के साथ उपयोग किए गए पॉलीथिन को नाले- नालियों में फेंक रहे हैं। नपा कर्मी जब इनकी सफाई कर रहे हैं, तो भारी मात्रा में पॉलीथिन निकल रहे हैं।
दुकानदारों से पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह बंद करने के लिए अपील एवं चेतावनी भी दी थी। दुकानदारों ने प्रशासन के आदेश को धता बताते हुए खुलेआम पॉलीथिन का उपयोग कर रहे हैं। सड़क किनारे पड़े कचरे और पॉलीथिन को मवेशी खाने के साथ पूरे सड़क तक फैला रहे हैं।
इससे कितना बड़ा घाटा
सिंगल यूज प्लास्टिक न आसानी से नष्ट होता है, न रिसाइकिल होता है। नैनो कण घुलकर पानी और भूमि को प्रदूषित करते हैं। जलीय जीवों को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, नाले चोक होने का भी कारण हैं।