21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव 2024 का हुआ भव्य शुभारंभ

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | रामलीला समिति के तत्वावधान में ऐतिहासिक किला मैदान स्थित विशाल रामलीला मंच पर रविवार को 21 दिवसीय पारंपरिक ‘विजयादशमी महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ देर शाम वेदत ध्वनि व मंत्रोचार के बीच लक्ष्मी नारायण मंदिर के पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्रीमद जगदगुरू रामानुजाचार्य महंत श्री राजगोपालाचार्य “त्यागी जी” महाराज द्वारा गणेश पूजन व आशीर्वचनों के साथ किया गया। वही पूजन का दायित्व जिले के प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. नारायण शास्त्री एवं पंडित मनोज मिश्रा ने संयुक्त रुप से निभाया। जिसमें मंदिरों से पधारे वेदपाठी ब्रम्हचारियों ने सहयोग किया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पांडेय एवं संचालन सचिव वैकुण्ठनाथ शर्मा ने की और धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष सुरेश संगम व मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने संयुक्त रुप से किया। इस दौरान रामलीला पंडाल व्रतधारी महिलाओं एवं श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था।

कार्यक्रम में बातौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के माननीय मंत्री हरि सहनी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित रहें. इस मौके पर जिले के तमाम प्रतिष्ठित समाजसेवी, साहित्यकार, व्यवसायी एवं राजनीतिक हस्ती मौजूद रहे। उद्घाटन के पश्चात समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी पूर्व से चली आ रही इस परंपरागत संस्कृति को रामलीला समिति ने निरंतर भव्यता प्रदान करने का प्रयास किया है, और आगे भी जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि बक्सर का यह 21दिवसीय “विजयादशमी महोत्सव” पूरे बिहार में प्रसिद्ध है।
उन्होने नगर वासियों, जिला प्रशासन, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सहित तमाम लोगों से आयोजन की सफलता हेतु सहयोग करने का आग्रह भी किया। तत्पश्चात् समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश संगम द्वारा आगत अतिथियों का सम्मान किया गया.

इसके उपरांत वृंदावन से पधारे सर्वश्रेष्ठ रामलीला मंडल श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मण्डल के स्वामी श्री सुरेश उपाध्याय “व्यास जी” के सफल निर्देशन में 21 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत पहले दिन गणेश पूजन एवं शिव विवाह प्रसंग का मंचन किया गया। जिसमें दिखाया गया कि सती और भोलेनाथ ऋषि अगस्त के यहाँ रामकथा सुनते हैं। इसके बाद सती श्रीराम की परीक्षा लेने जाती है जहाँ श्रीराम उनको पहचान जाते हैं और भोलेनाथ जी का समाचार पुछते है।

वहां सती लज्जित होकर अपनी आंखें बंद कर लेती है जहां उन्हें राम, लक्ष्मण, सीता का प्रतिबिंब दिखाई देता है। वहां से लौटने के बाद भोलेनाथ जी सती से परीक्षा की बात पूछते हैं मगर सती उनसे बात छिपाती है परन्तु भोलेनाथ ध्यान करके सभी बातों को जान जाते हैं। दूसरी तरफ सती के पिता दक्ष यज्ञ का आयोजन करते हैं और भोलेनाथ को दिमाग निमंत्रण नहीं देते है।

यह सुनकर सती बिना बुलाए अपने पिता दक्ष के यज्ञ में पहुंचती है और अपने पति भोलेनाथ को वहाँ नहीं बुलाने की बात पर यज्ञ कुण्ड में कूद जाती है। इधर सती का जन्म हिमालय के पुत्री पार्वती के रूप में होता है । नारद जी के वचन के अनुसार शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती जी कठोर तप करती हैं, अंत में शिव जी और पार्वती जी का विवाह होता है। शुभारंभ के मौके पर रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पाण्डेय, सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुरेश संगम, रोहतास गोयल, कृष्णा वर्मा, शिव जी खेमका, उदय सर्राफ जोखन, केदारनाथ तिवारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह, भाजपा नगर अध्यक्ष अजय वर्मा, निर्मल कुमार गुप्ता, राजेश चौरसिया, रेडक्रॉस के दिनेश जायसवाल, श्रवण तिवारी, पुरुषोत्तम नारायण मिश्रा, साकेत श्रीवास्तव चंदन, सुशील मानसिंहका, मदन जी दूबे, बैजनाथ केसरी, अवधेश पाण्डेय, राजकुमार गुप्ता, सरोज उपाध्याय, महेन्द्र चौबे, सुमित मानसिंहका, चिरंजीलाल चौधरी, आदित्य चौधरी, भरत प्रधान, शशिकांत चौधरी, समेत अन्य पदाधिकारी व सदस्य मुख्य रूप से उपस्थित थे|

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