फर्जी मेडिकल इंस्टीट्यूट में छात्रों से ठगी, संचालक-कर्मी फरार
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | बक्सर में छात्रों से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक फर्जी संस्थान ने मेडिकल कोर्स के नाम पर छात्रों से पैसे वसूले। लेकिन, न तो एडमिशन के लिए किसी परीक्षा का आयोजन किया गया और न ही छात्रों को कॉलेज का दौरा कराया गया। संचालक और कर्मी फरार है।12 छात्रों ने इटाढ़ी थाना में आवेदन देकर शिकायत की है। छात्र चाहते है कि मेडिकल इंस्टीट्यूट से उनका पैसा वापस मिल जाए। 12 छात्रों का मिला कर करीब 12 लाख रुपए की ठगी की बात सामने आई है।
थानाध्यक्ष ने कहा है कि छात्रों ने आवेदन दिया हैं। लेकिन, एफआईआर दर्ज कराने को छात्र तैयार नहीं है। ये पूरा मामला इटाढ़ी क्षेत्र में एक फर्जी पारा मेडिकल इंस्टीट्यूट का है।छात्रों ने आरोप लगाया है कि संस्थान के प्राचार्य डॉ. धनजी पाल से संपर्क करने पर उन्हें धोखे में रखा जाता है। उनसे कहा जाता है कि जल्द ही कॉलेज विजीट कराया जाएगा। परीक्षा ली जाएगी।
आरोपी धनजी पाल ने छात्रों को दी थी धमकी
प्राचार्य डॉ. धनजी पाल पर खुद को डिहरी विधानसभा क्षेत्र का भावी प्रत्याशी घोषित करने का आरोप है। छात्रों ने यह भी बताया कि डॉ. धनजी पाल हमेशा उन्हें धमकी देता था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है, जिससे वे डर कर उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलते थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि वह महंगी गाड़ियों पर घूमने का शौक रखता था। उसके पास थार, बोलेरो नियो और बुलेट बाइक भी है।
4 साल पहले फर्जी पाल पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में नामांकन
एक छात्र का आरोप है कि उन्होंने 4 साल पहले फर्जी पाल पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में नामांकन कराया था, जहां से उन्हें जीएनएम, बीएएएमएस और अन्य मेडिकल कोर्स के लिए भारी भरकम फीस चुकानी पड़ी थी। मनीष कुमार नाम के एक छात्र ने बताया कि उसने 2020 में जीएनएम कोर्स के लिए पांच लाख रुपए दिए थे। लेकिन, उसे अभी तक न तो कोई कक्षा मिली और न ही परीक्षा का आयोजन हुआ।
रोहतास के ज्योतिष कुमार ने कहा कि वह इंटरनेट पर नर्सिंग कॉलेज की तलाश कर रहे थे, तभी उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने उन्हें इटाढ़ी आने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह, भोजपुर के शिव शंकर ने कहा कि उसने किसी परिचित से इस संस्थान के बारे में सुना और पूरी फीस जमा कर दी। लेकिन रसीद भी नहीं दी गई।
एफआईआर दर्ज करने के बाद होगी कार्रवाई
इटाढी थानाध्यक्ष सोनू कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है कि छात्रों ने आवेदन भी दिया है। अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज की गई। क्योंकि छात्रों का यह कहना था कि वह पैसे वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस एफआईआर के बिना तो पैसे वापस दिलाने में कोई मदद नहीं कर सकती। ऐसे में जल्द ही उनके आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।