महर्षि विश्वामित्र की मूर्ति स्थापित करने की उठी मांग

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- शहर में स्टेशन या किसी चौक पर महर्षि विश्वामित्र की प्रतिमा स्थापित किए जाने की मांग युवा कर रहे हैं। युवाओं ने इसको लेकर सोसल मीडिया पर एक मुहिम चला दिया। देखते देखते हजारों लोगों ने इसे अपने अपने एकाउंट से पोस्ट किया।

पोस्ट में युवाओं ने लिखा कि ” कितना अच्छा होता अगर यहां पे विश्वामित्र जी की मूर्ति रहती, और चौक का नाम श्री विश्वामित्र चौक रहता। स्टेशन से उतरने वाला हर व्यक्ति उस व्यक्ति के दर्शन करता जिसने बक्सर को इतिहास में अमर कर दिया! जिसने बक्सर को राम की शिक्षा स्थली बना दी, जिसने श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना दिया!

अब बक्सर को तय करना होगा कि बक्सर सनातन के प्रतिको से चिन्हित होगा या नही! खैर, यहां नही तो कही और सही पर कब ?बक्सर के विश्वमित्र कहां हैं ”

सोसल मीडिया पर मूर्ति स्थापित की मांग को लेकर युवाओं ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि शहर के किसी भी स्थान पर महर्षि विश्वामित्र की मूर्ति स्थापित होना चाहिए। जिस शहर को विश्वामित्र की नगरी कहा जाता हो, उस शहर में विश्वामित्र की कोई मूर्ति ना हो यह भी एक विचारणीय प्रश्न है।

आपको बता दे कि 2016 में स्टेशन पर महर्षि विश्वामित्र की मूर्ति स्थापित करने की बात सामने आई थी। जिनमें कहा गया था कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर बने नए वेटिंग हाल में मूर्ति स्थापित की जाएगी। यह बीस फीट लंबी व दस फीट चौड़ी़ होगी, इसके लिए चार लाख रुपए खर्च किये जायेंगे। मूर्ति का निर्माण कोलकाता के कारीगरों द्वारा किया जाएगा।

गुरु विश्वामित्र का आश्रम था बक्सर

पौराणिक कथाओं के मुताबिक गुरु विश्वामित्र का आश्रम बक्सर में था। यहां पर भगवान राम शिक्षा ग्रहण करने के बाद जनकपुर जाने के क्रम में गंगा नदी यहीं पर पार किये थे। ताड़का वध भी भगवान ने यहीं किया था। वहीं, गौतम मुनि की श्रापित पत्नी अहिल्या का उद्वार भगवान राम ने अहिरौली में किया था। इसके बाद से बक्सर की पहचान गुरु विश्वमित्र की तपोभूति के रुप में होती है।

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