पशुपालक हुए चिंतित, गर्मी से दूध उत्पादन घटा
बक्सर अप टू डेट न्यूज़,चौसा | गर्मी से दुधारु पशुओं में दूध उत्पादन भी प्रभावित होने लगा है। जिससे पशुपालक चिंतित होने लगें हैं। एक तरफ पशुपालक पशुओं के खाद्य पदार्थ की मूल्य वृद्धि से परेशान हैं तो दूसरी तरफ कम दूध उत्पादन से उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रहा है।
दूध उत्पादन की कमी के संबंध में चौसा पशु अस्पताल में पदस्थापित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर अनिल ने बताया कि गर्मी में पशुओं की त्वचा उष्मा सोख लेती हैं। जिससे उनका शारीरिक तापमान बढ़ जाता है।साथ ही पशु शेड में अधिकतम ऊष्मा विकिरण निकलता है, जिससे भी पशु प्रभावित होने लगते हैं। इसके बचाव में उन्होंने बताया कि पशुपालक अपने पशुओं को सुबह शाम स्नान कराएं। उनके आहार में मिनरल मिक्सचर एवं नमक 25 से 30 ग्राम प्रतिदिन सम्मिलित करें।
हरा चारा भी उनके तापमान को नियंत्रित करता है। दुधारु पशुओं को ठंडे पानी में एक बार 50 से 100 ग्राम गुड़ अवश्य ही पिलाएं। यह गुड़ पशुओं के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है। दुधारु पशुओं के ताप नियंत्रण के लिए होम्योपैथी औषधि भी कारगर है।इस संबंध में होम्योपैथी चिकित्सक डाक्टर संदीप सिंह ने बताया कि पशुपालक दुधारु पशुओं को आर्सेनिकम 200 एवं ग्लोनाइन 200पोटेंसी की दवा दस दस बूंद सुबह शाम खिलाना चाहिए। इससे दुधारु पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता प्रभावित नहीं होगा। @वीरेंद्र पाण्डेय चौसा