प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव को किया तलब

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | डाक्टरो की लापरवाही के कारण हुई जच्चा बच्चा की मौत के मामले में मानवाधिकार सी डब्लू ए की शिकायत पर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा, स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार प्रमुख सचिव एवं पुलिस अधीक्षक बक्सर को आवश्यक रिपोर्ट पेश करने के लिए आयोग के समक्ष उपस्थित होने का सम्मन जारी किया है। मामला चरित्रवन के नील हॉस्पिटल का है।

बता दें की चरित्रवन के रहने वाले, अभिषेक कुमार ओझा ने अपनी पत्नी पिंकी देवी को डिलीवरी कराने के लिए चरित्रवन के नील हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। उनका आरोप है कि डाक्टरो ने उनकी पत्नी को नर्स के भरोसे छोड़कर गायब हो गए। पत्नी चटपटाती रही तो कभी नर्स ऑक्सीजन तो कभी पानी चढ़ाती रही, लेकिन डाक्टर को नही बुलाई। डाक्टर और नर्स की लापरवाही के कारण जच्चा बच्चा दोनो की मौत हो गई। डाक्टरो की लापरवाही कीअक्सर ऐसी घटनाएं सामने आ रही है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुम्हकर्णी निद्रा से जाग नही रहे है, जिससे निर्दोष लोगो की जाने जा रही है।

स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से यमराज बने डाक्टर लोगो के जीवन के साथ क्रूरतम खिलवाड़ कर उनका जीवन लीला समाप्त कर रहे है। मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेन्द्र कुमार सिंह योगी ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में दोषी डाक्टरो के ऊपर कठोरतम कार्यवाई करने और मृतक के परिवार को उचित मुवावजा के लिए अनुरोध किया था।

आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक बक्सर,प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पटना बिहार,के साथ ही प्रमुख सचिव पटना से रिपोर्ट प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया था। बावजूद कई अवसर दिए जाने के बावजूद सम्बंधित प्राधिकारी द्वारा कोई रिपोर्ट प्राप्त नही हुई। प्राधिकरियो के लापरवाह रवैये पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 13 (क) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग बिहार सरकार पटना और पुलिस अधीक्षक बक्सर को दिनांक 24.03.2023 को आवश्यक रिपोर्ट और दस्तावेज के साथ आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का सख्त निर्देश दिया है। साथ ही NHRC ने निर्देश देते हुए कहा है कि इस गंभीर प्रकरण का संज्ञान प्रमुख सचिव बिहार सरकार को अवश्य दिया जाए।

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