श्रद्धा और विश्वास का मिलन है महाशिवरात्रि : राम चरित्र दास जी महराज

बक्सर  अप टू डेट न्यूज़ | सदर प्रखंड के बलुआ गाँव में महाशिवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया गया| विश्व विख्यात पूज्य मामा जी महाराज के प्रथम शिष्य श्री राम चरित्र दास जी महराज ने भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह प्रसंग का कथा विस्तार से सुनाया ।

कथा के दौरान उन्होंने कहे की राजा हिमाचल के घर उनकी पुत्री के रूप में माता पार्वती का अवतरण होता है। कुछ दिनों बाद देवर्षि नारद वहां पहुंचते हैं तथा हिमाचल के पूछने पर पार्वती के भविष्य के बारे में बताते हैं। जिससे उनके माता-पिता काफी चिंतित होते हैं। परंतु भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती जंगल में तपस्या करने जाती है। लेकिन उनके कठिन तप के बावजूद भगवान शिव का मन नहीं पिघलता है। तब देवताओं के काफी प्रयास के बाद भगवान शंकर उन्हें अपना अद्र्धागिनी बनाने का वरदान देते हैं। तत्पश्चात शिवजी की बारात राजा हिमाचल के दरवाजे पर जाती है। बारात को देख वहां के लोग भयभित हो जाते हैं और आपस में तरह-तरह की चर्चाएं करते हैं।

इधर बसहा पर सवार भोले बाबा के नंग-धड़ंग शरीर पर सांप व बिच्छू देख पार्वती की माता बिदक जाती है। बावजूद माता गौरी के संग भगवान शंकर की शादी संपन्न होती है।

वही महराज श्री द्वारा रचित पदों मंगलगीत शिव के पीताम्बर के लाले लाल छोर हे, भोला सिंदूर ले के दुलहिनि के माँग भरु, दुलहा हमार भोला-भाला हो, सब जग से निराला आदि गीतों के गायन से भक्त झूम जाते है|

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!