भगीरथ के कठिन तपस्या से अवतरित हुई थी माँ गंगा

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- गुरुवार को गंगा दशहरा पर्व के शुभअवसर पर सदर प्रखंड क्षेत्र के कमरपुर पंचायत अंतर्गत कम्हरिया गंगा घाट के समीप स्थित गंगा धाम जीयर मठ के मठाधीश गंगापुत्र श्री लक्ष्मीनारायण त्रिदंडी स्वामी महाराज के द्वारा माँ गंगा का विशेष पूजा अर्चना एवं आरती किया गया।

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इस दौरान गंगा आरती में शामिल होने के लिए सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु गंगा घाट पर पहुँचे हुए थे।लक्ष्मी नारायण एवं भगवान श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन किया गया। इस दौरान द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर प्रतिमा को नवकाविहार कराया गया।

गंगा दशहरा पर्व के महत्व को बताते हुए गंगापुत्र श्री लक्ष्मीनारायण त्रिदंडी स्वामी महाराज ने कहा कि आज ही के दिन भगीरथ के कठित तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी के कमंडल से माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई थी जिसको लेकर उनके इस अवतरण दिवस को गंगा दशहरा पर्व के रूप में सनातन धर्म के लोग सदियों से मनाते आ रहे हैं। इस दिन गंगास्नान करने से जाने अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है।

श्रद्धालुओं ने लगाया गंगा में डुबकी, किया दान

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है और गंगाजल को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अवश्य किया जाता है। गंगाजल के बिना कोई भी मांगलिक कार्य पूरा नहीं होता है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करना चाहिए। गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है।

हिंदुओं का बड़ा त्‍योहार गंगा दशहरा गुरुवार को जिला सहित प्रखंडों में श्रद्धा के साथ मनाया गया। गंगा के किनारे बसे लोगों ने पवित्र स्‍नान के लिए लोग अलसुबह से ही नदी के तीर पर पहुंचने लगे थे। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि गुरुवार को हस्त नक्षत्र में गंगा दशहरा का पर्व मनाया गया। गंगा दशहरा पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के साथ मां गंगा के जयकारे लगा कर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ जरूरतमंदों को दान-पुण्य किये।

पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। भगीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर ले आए थे। इसी वजह से गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि पूर्वक मां गंगा की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करना और इसके बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।

स्नान और दान का महत्व

बक्सर : गंगा दशहरा वाले दिन प्रातः काल गंगा में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही पान के पत्ते पर फूल और अक्षत रखकर जल में प्रवाहित कर दिया जाता है। दशहरा का मतलब है दस विकारों का नाश, इसलिए दशहरा के दिन शुद्ध मन से मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।धर्म शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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