डिजिटल के दौर में बास बल्ला बना सहारा, दे रहा मौत को दावत
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | सदर प्रखंड के कमरपुर गांव के ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। पोल और तार बिल्कुल जर्जर हो गए हैं। कब पोल गिर जाए कहना मुश्किल है। खेतों में बांस के सहारे दौड़ाए गए बिजली के तीन फेज के तार काफी नीचे है। इस गांव में अक्सर तार से निकलने वाली चिंगारी से फसल जलने की घटना भी घट चुकी है। ऐसा नहीं है कि बिजली कंपनी के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है।
कई दफे जर्जर तार और पोल को बदलने के लिए आवेदन दिया गया है। खेतों के बीच से भी गुजर रहे तार को हटाने के लिए अधिकारियों से ग्रामीण गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसकी सुध नहीं ली जा रही है। किसानों की मानें तो बोरिंग तक बिजली पहुंचाने के लिए विभाग के पास पोल नहीं है। अधिकांश जगहों पर बांस और बल्ला पर बिजली का तार लटक रहे है। जिस खेत से बिजली का तार गुजर रहा है वहां किसान हरी सब्जियों की खेती करते हैं। किसानों के बीच हमेशा तार टूटने और दुर्घटना होने का भय बना रहता है।
ग्रामीणों ने कहा-बिजली बिल के लिए सिर पर चढ़ जाती है बिजली कंपनी :
ग्रामीण सुग्रीव सिंह, रामबली, राम बचन, उपेंद्र सिंह आदि ने कहा कि बिजली कंपनी बिजली बिल के लिए सिर पर चढ़ जाती है। बिजली बिल बकाया को लेकर तुरंत कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन, गांवों में सुविधा देने के नाम पर बिजली कंपनी के अधिकारी उदासीन हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल दौर में आज भी बांस और बल्ले के सहारे विद्युत प्रवाहित तार को दौड़ाया जा रहा है। सुग्रीव सिंह ने कहा कि जर्जर तार और पोल बदलने के साथ ही खेतों के बीच होकर गुजरने वाले तार को हटाने के लिए दो-दो बार आवेदन दिए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिस लकड़ी के खंभे पर तार लटक रहा है वह जर्जर हो गया है। तेज हवा और बारिश में कई बार तार टूट जाता है। उसी टूटे हुए तार को जोड़कर बिजली की सप्लाई की जा रही है। तार और खंभे को बदलने के लिए अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया गया है।
आरडीएसएस प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। जैसे ही एजेंसी कार्य शुरू करेगी प्राथमिकता के आधार पर सदर प्रखंड के कमरपुर गांव में जर्जर तार और पोल बदलने का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। रवि राज, सहायक विद्युत अभियंता, विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल, बक्सर