बक्सर में पहली बार खेतों में दवा छिड़कने के लिए किया गया ड्रोन का प्रयोग

पारंपरिक खेती छोड़ बक्सर आधुनिक खेती करने की ओर अग्रसर,एक जगह खड़े हो एक किलोमीटर तक खेतो में किया जा सकता है दवा का छिड़काव

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ |सत्य प्रकाश पाण्डेय:- बिहार के बक्सर जिले में पहली बार गोसाईपुर गांव में ड्रोन से गेहूं की फसल पर नैनो यूरिया के छिड़काव किया गया।जिसको देखने के लिए गांव के किसान काफी संख्या में मौजूद रहे।चुकी यह खेती की नई तकनीकी है।जिसके लिए एक्सपर्ट पहुचे थे। जिनके द्वारा स्थानीय किसान ललन चौबे के एक एकड़ गेंहू की फसल पर नैनो युरिया का छिड़काव कर इसका प्रदर्शन किया गया।

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बिहार का पहला जिला बक्सर है जहां इसकी शुरुआत पहली बार किया गया है। बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के किसानों को खेती की लागत के मुकाबले आय दुगुनी ओर आधुनिक खेती करने के सपने को बक्सर जिला ने अमल में लाना शुरू कर दिया गया है।

ड्रोन से कीटनाशक व उर्वरक के छिड़काव से किसानों के समय व धन की बचत होगी क्योंकि ड्रोन बहुत कम समय में पूरे खेत में दवा व उर्वरक का छिड़काव कर सकता है।साथ ही यह खेतो की नमी के साथ,पौधों में लगने वाले रोगों को भी पहचान लेगा।साथ ही इसके माध्यम से आप अपने लैंड को भी माप सकते है।एक ड्रोन से खेती बाड़ी के अलावे कई कार्य कर सकते है।

‘‘बेहद नवीन और रोमांचक पहल’’

इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार यानी 19 फरवरी को 100 ‘किसान ड्रोन’ का उद्घाटन किया है।उम्मीद जताई कि ड्रोन क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमता दुनिया को एक नया नेतृत्व देगी।देश के कई हिस्सों में कीटनाशकों और दूसरे कृषि सामग्री का छिड़काव करने के साथ ही यह किसानों की लागत कम करने व आय दुगनी करने में कारगर साबित होने की बात कही गई। अधिकारियों ने इसे किसानों के लिए ‘‘बेहद नवीन और रोमांचक पहल’’ बताया।

वही आज बक्सर के किसानों ने इसका डेमो देख काफी रोमांचित हुए है।क्यो की यहां के किसानों के लिए यह आधुनिक तकनीकी बिल्कुल नई है।अब देखना यह है कि इसको किसान अपने खेती बाड़ी में इसका कितने हद तक प्रयोग कर सकते है। इसके बारे में जनकारी देते हुए इसके एक्सपर्ट राधेश्याम सिंह ने बताया गया कि यह किसानों को परंपरागत खेती से छुटकारा तो दिलाये गा ही साथ ही इससे किसानों को काफी समय की भी बचत होगी।

सुरक्षा की दृष्टि से इसमें हाई लेबल के सेंसर व कैमरे लगे है

बताया कि एक जगह बैठकर एक किलोमीटर दूर तक इससे छिड़काव किया जा सकता है। इससे 20 मिनट में साढ़े 3 एकड़ का छिड़काव किया जा सकता है। यानी 6 मिनट में एक एकड़ खेत मे आसानी से दवा का छिड़काव कर लेता है।इसमें 10 लीटर की टँकी लगी हुई है।जो एक बार मे एक एकड़ में लगी फसलों पर छिड़काव कर सकती है।और जितनी बार इसकी टँकी खाली होगी वह अपने आप जहां से उडाया गया है वहां वापस चला आएगा।फिर दवा का घोल भरियेगा वापस जाकर जहां से छोड़ा है वहां पहुंच फिर आगे छिड़कने का कार्य करने लगेगा।1 सेंटीमीटर का भी अंतर नही आएगा।

इसकी छिड़काव की जो चैड़ाई है।वह करीब 4 मीटर है।साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से इसमें हाई लेबल के सेंसर व कैमरे लगे है ,जिससे यह अपने आसपास तार,व पेड़ को 25 मीटर पहले ही देख लेता है।और उससे बच कर निकल लेता है।

रजिस्टर्ड किसान ग्रुप को 75℅सब्सिडी पर सरकार देगी

बताया कि हम हम पूरे बिहार और UP के पूर्वी क्षेत्र जैसे बनारस,बलिया,गाज़ीपुर के डिस्टब्यूटर है।हमारा प्रयास है कि पूरे बिहार में इसको जल्द से जल्द पहुंचाया जाये,।बहुत जल्द पूरे बिहार में हमारे डीलर होंगे।यहां के किसान श्री राम सिंह के डिमांड पर लाया गया है।जिसके डेमो से यहां के किसान प्रभावित है। बताया गया कि किसानों को आसानी से यह मिल सकता है।

इसके लिए अगर किसान का ग्रुप है और बिहार के पोर्टल पर रसजिस्टर्ड है तो सरकार उसको 75 % सब्सिडी सरकार दे रही है।अगर कोई किसान का लड़का एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन किया हुआ है तो वह कस्टमर हायरिंग सेंटर खोलना चाहे तो उसके लिए 40% की सब्सीडी ले सकता है।जो किसान विज्ञान केंद्र के है और किसान एग्रीकल्चर सेंटर के है उनके लिए 100% की सब्सिडी है|

कम लागत में आय दुगनी करने का सपना

बक्सर निवासी राधेश्याम सिंह द्वारा बताया गया इसके पहले मैं दिल्ली में एयर लाइन इंजीनियर था,उसके पहले मैं एयर फोर्स में जहाज में मेंटनेस का कार्य करता था। और यह भी एक प्रकार का जहाज ही है।इसलिए इस क्षेत्र में किसानों को जागरूक करते हुए मोदी जी के सपना कम, समय,व कम लागत में आय दुगनी करने का सपना को साकार करने की पहल की जा रही है। राधेश्याम सिंह आज अपने पैतृक गांव गोसाईपुर में किसान को डेमो दिखाया गया।बताया गया कि इसे कोई भी किसान खरीद अपने आसपास के किसानों के खेतो में ₹ 200-300 प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर एक प्रकार का रोजगार भी कर सकता है।

इससे किसान को बहुत बहुत बचत है।एक जो लेबर की समस्या है वो खत्म हो रही है।लेबर के स्वास्थ व मालिक के स्वास्थ्य पर जो दवा छिड़काने के बाद हानिकारक प्रभाव पड़ता है उससे बचा जा सकता है।साथ ही धूप में कहीं छायादार जगह पर बैठ अपनी पूरे खेतो में दवा,खाद का छिड़काव कर सकते है।किसानों को बड़े रकवे में कम समय में छिड़काव करने में मदद मिलेगी।कम समय और कम मजदूरी में गन्ना ओर मक्का जैसी फसलों में छिड़काव हो सकेगा।छिड़काव के दौरान खेतो में जहरीले जंतुओं से बचा जा सकेगा।कीटनाशक दवाओं का फसलों पर निर्धारित मात्रा में छिड़काव हो सकेगा

बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होने

राधेश्याम सिंह द्वारा बताया गया कि किसानी के क्षेत्र में इस नए तकनीकी से बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।इस ड्रोन को कोई भी युवा जो 18 साल की उम्र पार कर चुका हो और मैट्रिक पास हो 5 दिन की ट्रेंनिग ले इसे उड़ा सकता है।इसके लिए देश मे 13-14 मान्यता प्राप्त कोचिंग संस्थाएं है।जो ड्रोन पायलेट का प्रमाण पत्र देते है।खास कर इसमें महिलाओं के लिए भी सुनहरा अवसर है।बिना ट्रेंनिग व प्रमाण पत्र के इसे उड़ाने की इजाजत नही होगी।

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