ऐतिहासिक शेरशाह पोखरे के अस्तित्व को बचाने की मांग को लेकर सड़क जाम
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | समहुता गांव के पास आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा बक्सर दिनारा मुख्य मार्ग को दो घण्टे तक जाम कर दिया गया।जिससे दोनो तरफ वहनों की लंबी लाइन लग गई। गांव के समीप शेरशाह के ऐतिहासिक पोखरे पर अतिक्रमण से खो रहे अस्तित्व से गुस्सा में है। सोमवार की दोपहर लगभग दो सौ की संख्या में महिला पुरूषों ने हाँथ में डंडा लेकर सड़क को जाम कर दिया।सड़क पर टायर जला आगजनी भी की गई।सड़क जाम होने क की सूचना पर पहुंचे धनसोई थानाध्यक्ष कमल नयन पाण्डेय ने लोगो को समझा बुझाकर उच्चाधिकारियों से वर्ता कर सड़क जाम को हटा यातायात सुचारू करवाया।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि मुबारकपुर गांव के पास शेरशाह द्वारा खुदवाया गया एक पोखरा है। जिसे 1962 में उसका सर्वे सेटेलमेंट कर खाता बदल दिया गया है।आरोप है को चंद्रकांत राय द्वारा उसी के आधार पर इस जमीन को अपने नाम लिखवा दिया गया है।सड़क जाम कर रहे लोगो का कहना है कि शेरशाह की ऐतिहासिक पोखरे का स्वरूप नही बदलना चाहिए। यह ऐतिहासिक धरोहर है। जिसका मामला न्यायालय में भी चल रहा है। वही पोखरे पर लग रहे बाजार में व्यवसाइयों से खाँचरिहा गांव के रहने वाले चंद्रकांत राय अपनी दबंगता के बल पर वसूली कर रहे है। ग्रामीण चाहते है कि यह पहले पोखरा था और पोखरा ही रहना चाहिए।
सरकारी नक्शा में भी पोखरा
सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना है कि पोखरा का अस्तित्व समाप्त हो रहा है।शेरशाह ऐतिहासिक पोखरे का जिसका खतियान में बिहार सरकार गैर मजरूआ आम जमीन के नाम से जिक्र है। सरकारी नक्शा में भी पोखरे का स्पष्ट संकेत दिखाई पड़ रहा है।पोखरे की जमीन का नया सर्वे में काली बाबू के नाम से दर्ज है।जिसकी बिक्री होने के बाद दाखिल खारिज भी हो गया हैं।
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
इस संबंध में थानाध्यक्ष कमल नयन पाण्डेय ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्ष को शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात कही गई है। साथ ही मामले की गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों पर निरोधात्मक कारवाई करते हुए अंचलाधिकारी राजपुर एवं सदर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा द्वारा लोगो को समझा बुझाकर जमीन पर 44 लगाने की बात कही गई, जिसपर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और वह सड़क से हट गए, जिसके बाद यातायात सुचारू किया गया।