गंगा में एक बार फिर देखा गया बहती लाश, पहरा हटते ही गंगा में फेंके जाने लगे शव

बदलते मौसम के कारण श्मशान घाट पर आने वाली शवों की बढ़ी संख्या,पर अकड़ा नहीं रखा जा रहा

बक्सर अप टू डेट न्यूज़|चौसा :-जिले के गंगा नदी में एक बार फिर शव बहते देखा जाने लगा है। जिससे पिछले कोरोना काल के बाद प्रसासन की शिथिलता का परिणाम कहा जा रहा है।शव को कौवे व कुते नोच रहे है।जिसे देखने के बाद मन विचिलित भी हो सकता है।

घाट पर मौजूद लोगो द्वारा बताया गया कि अंधेरे का फायदा उठा जबरजस्ती लोग शवो को गंगा नदी में फेंक भाग जा रहे है।बताया गया कि मौसम के करवट लेने के बाद गांव में मरने वालों की भी संख्या बढ़ गई है।पहले 24 घण्टे में जिस घाट पर 2 -4 शवों का अंतिम संस्कार होता था।वहां अब रोजना 8 से 10 शवो का अंतिम संस्कार होने लगा है।लेकिन इस घाट पर आने वाले शवो की आंकड़ा भी रखना बन्द कर दिया गया है।जिससे मरने वालों का सही अकड़ा आपको नही मिल सकता।

9 मई 2021 में गंगा में बहते शवों के कारण पूरे प्रशासन महकमे हड़कम्प मच गया था।

बता दे कि बुधवार को गंगा के गोद मे बहते लास के कारण चौसा एक बार फिर चर्चा में आ गया है।बता दे कि पिछली बार भी 9 मई 2021 में गंगा में बहते शवों के कारण पूरे प्रशासन महकमे हड़कम्प मच गया था।यूपी – बिहार का सीमावर्ती गांव चौसा जहां एक दिन में 80 बहते शवों को गंगा नदी से निकाल आनन फानन में प्रशासन द्वारा डिस्पोज किया गया था।सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला पहुंच गया था।गंगा नदी की शुद्धता व नमामी गंगे की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो गए थे। लेकिन एक बार फिर यह लापरवाही प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है।कई महीनों के बाद एक बार फिर चौसा के घाट पर बहते शव देखा गया।अगर इसपर अभी से अंकुश नही लगाया गया तो आने वाले दिनों में एक बार फिर गंगा नदी में सैकड़ो की संख्या में शव बहते देखे जा सकते है।

बताया गया कि चौसा श्मशान घाट के पास गंगा नदी में चार शव बहते देखा जा रहा है।लेकिन वहां पहुचने के बाद एक महिला या पुरुष का शव देखा गया।और कुछ पशुओं के शव थे।वहां मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि किनारे पर दो से तीन शव थे लेकिन एक ही बच गया है औरों को कुते कौए खाकर समाप्त कर दिए है।लेकिन घाट पर उठ रहे दुर्गंध घाट की सारी हकीकत बया कर रही थी। लकड़ी बेचने वाले द्वारा बताया गया कि रात के अंधरे में गंगा में शवों को बहाये जाने का सिलसिला प्रारम्भ हो गया है। जलाने के लिए कहने पर शव के साथ आये लोग झगड़ा करने पर उतारू हो जाते है।ऐसे में पुलिस बीडियो को सूचना देने पर भी नही सुनते है।

बुधवार को घाट के पास एक सड़ा गला शव देखने को मिला।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछली बार गंगा में बहती लाशों के पाए जाने के बाद चौबीस घण्टे प्रशासन का पहरा हो गया था। घाट पर आ रहे शवो के आंकड़े रखे जा रहे थे।यूपी से शव बहने की आशंका से सीमावर्ती रानी घाट पर गंगा नदी में जाल लगा दिए गए थे ।जिसके बाद आठ- दस शवों को यूपी से आते पाया गया था।उसके बाद घाटों पर पुलिस के पहरे के साथ-साथ आनन-फानन में बिजली की व्यवस्था के लिए पोल व तार भी घाट तक बिछाया गया।लेकिन लाइट नही लगाया गया।ऐसे में घाट पर पहुंचने वाले लोग अंधरे का फायदा उठा शवों को जबरन गंगा नदी में फेंक कर भाग जा रहे है। घाट पर मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि दो चार दिन पहले आते तो चार शव बहते मिल जाते।जिसे कुते कौवे नोच कर समाप्त कर दिए है। लेकिन बुधवार को घाट के पास एक सड़ा गला शव देखने को मिला।

घाट पर मौजूद दीनदयाल पाण्डेय द्वारा बताया की पिछले कोरोना काल की अपेक्षा यहां केवल घाट पर लड़की मिलने की सुविधा हो गई । जब तक प्रशासन का पहरा था तब तक जनरेटर लाइट की व्यवस्था यहां पर थी ।आने वाले शवों की डिटेल भी लिखी जाती थी।लेकिन जैसे ही प्रशासन का पहरा इस घाट से हटा वैसे ही घाट पर अंधेरा छा गया।यहां पर प्रकाश के लिए घाट तक बिजली के खम्भे और तार दौड़ा दिया गया लेकिन लाइट की व्यवस्था नहीं कि गई।बारिश के दिनों में शव जलाने के लिए सेड नही होने के कारण अधजले शव को ही गंगा में प्रवाहित कर चले जाते है।प्रशासन इस घाट पर ध्यान नही देगी तो एक बार फिर यहाँ की स्थिति भयावह हो सकती है।

बताया गया कि यहां पुलिस की मौजूदगी में भी लोग शव को गंगा में प्रवाहित करने के लिए गिड़गिड़ाते थे।लेकिन अब यहां एक चौकीदार तक कि व्यवस्था नही है। अब आते है और आसानी से शवो को गंगा में फेंक कर चले जा रहे है।हमलोगों के माना करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते है।ज्यादातर ऐसे लोग रात में अंधेरे का फायदा उठाकर रहे है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने भी मामले में सख्ती दिखाई थी। जल संसाधन मंत्रालय ने यह सख्त हिदायत दी थी कि गंगा में आदमी का ही नहीं, बल्कि जानवर के भी शव नहीं फेंके जाने चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र होने के कारण मामला तूल पकड़ा था। हालांकि प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और वाराणसी से शव के बहने की दलील दी थी।

चौसा सीओ ब्रिज बिहारी कुमार से जब इस सम्बंध में बात किया गया तो उन्होंने कहा कि घाट पर गार्ड की व्यवस्था की गई है।वही शव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हमे जनकारी नही है।पता करवाते है।

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