भगवान राम केवल मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं प्रेम पुरुषोत्तम भी है : श्रीराम चरित्र दास जी महाराज
*श्री हनुमान चालीसा पाठ से शुभारंभ हुआ 14 वां पूण्य स्मृति सह पूजन महोत्सव *कथा के दौरान मिथिला नगरिया प्रेम डगरिया का हुआ वर्णन
बक्सर अप टू डेट न्यूज़:- सदर प्रखंड के श्री हनुमत धाम मन्दिर कमरपुर में पूज्य नेहनिधि नारायण दास भक्तमाली विश्वविख्यात मामा जी महाराज की 14 वी पूण्य स्मृति सह पूजन महोत्सव का शुभारंभ किया गया। महोत्सव का शुभारंभ श्री हनुमान चालीसा के पाठ से हुआ।
वही, पूण्य मामा जी महाराज के प्रथम शिष्य श्रीराम चरित्र दास जी महाराज ने कथा के दौरान मिथिला प्रसंग का वर्णन किया। कथा सुनाते हुए उन्होंने ने प्रेम का विस्तार से वर्णन किया। प्रेम को केवल प्रेमी ही जान सकता है, संसारी नही। भगवान श्री राम तो प्रेम की मूर्ति हैं। और प्रभु का धाम प्रभु का ही स्वरुप होता है। आगे कहा कि श्री राम का भाग्य था जो सिया मिली और सिया का भाग्य था जो राम मिले लेकिन मिथिलावासियों और अवधवाशियो का वह प्रेम और भाग्य था जो दोनों मिल गए। मनुष्य को पूरे देश के लोगो से प्यार और प्रेम नही हो सकता, एक केवल भगवान है जो सबको एक समान मानते हुए प्रेम और प्यार करते हैं। एक रस होता है भगवान श्रीराम का प्रेम।
कथा के दौरान मीडिया प्रभारी नीतीश सिंह, रविलाल, विनीता दीदी समेत ग्रामीण भक्त उपस्थित रहे.