चक्रवर्ती सम्राट के जयंती पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा

सम्राट अशोक द्वारा देश हित में जो त्याग बलिदान किया गया उस ऐतिहासिक गाथा को जीवंत बनाने हेतु निकाली गई शोभायात्रा : अभिमन्यु

बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | चक्रवर्ती सम्राट अशोक के 2328 वीं जयंती पर मौर्य समाज के लोगों ने कुशवाहा महासंघ के बैनर तले पहली बार बक्सर में 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को शहर के पिप्पली बुद्ध विहार स्थित बुद्ध मूर्ति से भव्य जुलूस एवं शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर भ्रमण करते हुए पुनः पिप्पली बुद्ध मंदिर पहुंचकर एक गोष्ठी अध्यक्ष अभिमन्यु कुशवाहा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमे चक्रवर्ती सम्राट के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया।

वही इस शोभायात्रा निकाले जाने के बारे में अभिमन्यु सिंह कुशवाहा ने कहा की इस शोभा यात्रा का उद्देश्य है कि, सम्राट अशोक द्वारा देश हित में जो त्याग बलिदान किया गया। उनके ऐतिहासिक गाथा को जीवंत बनाने हेतु जन जन तक पहुंचाना, ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ी भी भारत के सम्राट अशोक एवं महापुरुषों की त्याग और समर्पण की गाथा की इतिहास को जान सके।

विशाल जुलूस एवं शोभायात्रा पिप्पली बुद्ध से निकला जिसमे सबसे आगे रथ पर सम्राट अशोक की तस्वीर लगी हुयी थी। ठीक उसके पीछे रथ पर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ भंते लोग सवार थे। उसके पीछे और चार रथ, घोड़े, दर्जनों कार-जीप, लगभग एक हजार मोटर साइकिल सवार और झंडे और पताकों के साथ हजारों लोग पैदल चलते हुए विश्व विजेता सम्राट अशोक के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। शोभायात्रा सबसे पहले रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां से ज्योति प्रकाश चौक, मॉडल थाना, पिपरपाती रोड, अस्पताल रोड, मेन रोड, यमुना चौक से पुनः पुलिस चौकी, कॉलेज गेट, जेल पाइन रोड होते हुए पिप्पली बुद्ध मंदिर पहुंच यात्रा सम्पन्न होने के पश्चात गोष्ठी आयोजित किया गया।

जिसे सम्बोधित करते हुए अभिमन्यु कुशवाहा ने कहा की चक्रवर्ती सम्राट का जन्म 304 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र, पटना में हुआ था वह बाद में महान सम्राट अशोक कहलाए। वे विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे। सम्राट अशोक ने अखंड भारत पर राज्य किया है तथा उनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में ¨हदुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी सहित मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफगानिस्तान व ईरान तक पहुंच गया था। वही बक्सर पब्लिक स्कूल के निदेशक निर्मल कुमार सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक का साम्राज्य आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार के अधिकांश भूभाग पर था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शीर्ष स्थान पर ही रहे हैं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए रामचीज सिंह कुशवाहा ने सभी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया एवं विनोद मौर्य ने सभी को प्रसाद खिलाया, साथ ही उपाध्यक्ष मनु कुशवाहा, कोषाध्यक्ष रंजीत कुशवाहा, सचिव शिवजी कुशवाहा, कार्यकारणी सदस्य जेपी कुशवाहा, विद्यासागर सिँह, दीपक मौर्य, संदीप कुशवाहा, अविनाश कुशवाहा, अमित कुशवाहा, वार्ड पार्षद हिटलर कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, अखिलेश कुशवाहा, दयाशंकर कुशवाहा, मनोज कुशवाहा (जिला पार्षद ),अभिषेक कुशवाहा, मनीष कुशवाहा, धनंजय कुशवाहा,अनिल कुशवाहा, पुरुषोत्तम कुशवाहा समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

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