पौराणिक व आध्यात्मिक पर्यटन के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर आएगा बक्सर
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ | केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि शनिवार का दिन उनके लिए यादगार रहेगा। भारत गौरव ट्रेन रामायण परिपथ यात्रा के तीर्थ यात्रियों का भगवान वामन की प्राकट्य स्थली महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि एवं भगवान श्री राम की शिक्षा दीक्षा एवं कर्मभूमि में स्वागत कर अत्यंत प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं।

अब वह दिन दूर नहीं जब बक्सर एक प्रमुख पौराणिक व आध्यात्मिक पर्यटन के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर जाना जाएगा। यहाँ की ख्याति दूर तक प्रकाशमान होगी। रामायण परिपथ यात्रा के माध्यम से 500 से अधिक तीर्थयात्रा यहां पहुंचे हैं, वे प्रभु श्रीराम की कृपा से अच्छी यादें लेकर जा रहे हैं। कुछ साल पहले बड़ी संख्या में दक्षिण भारत से श्रद्धालु आए थे। यहां से अच्छी यादें लेकर गए थे।भारत गौरव ट्रेन रामायण परिपथ यात्रा के तीर्थ यात्रियों को लेकर अहले सुबह बक्सर के प्लेटफार्म नंबर 3 रेलवे स्टेशन पर पहुंची।
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने तीर्थयात्रियों का माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। इस दौरान सभी का उत्साह देखते बन रहा था। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि रामायण परिपथ का बक्सर महत्वपूर्ण पड़ाव है। मुझे ख़ुशी है कि 2014 में रामायण सर्किट का प्रस्ताव दिया था। देश के श्रद्धालु भारत गौरव ट्रेन रामायण परिपथ यात्रा के माध्यम से भगवान श्रीराम के जुड़े स्थलों का यात्रा कर रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करता हूँ। तीर्थयात्रियों ने रामायण परिपथ यात्रा के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। तीर्थ यात्री सबसे पहले रेलवे स्टेशन से नगर भवन पहुंचे, जहां उन्हें बक्सर के पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराया गया। इसके बाद तीर्थयात्री गंगा स्नान के लिए रामरेखा घाट पहुँचे।
प्रसाद व पत्रिका देकर किया गया विदा
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने वहाँ के महत्व से अवगत कराया। इसके उपरांत सभी बाबा रामेश्वरनाथ मंदिर पहुंचे। जहां सभी ने पूजा अर्चना की। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे सभी यात्रियों को लेकर नौलखा मंदिर पहुंचे वहाँ सभी ने पूजा अर्चना की, इसके उपरांत सभी भगवान वामन के मंदिर पहुंचे। पुनः सभी तीर्थयात्री नगर भवन पहुंचे जहां उन्हें श्रीराम कर्मभूमि न्यास द्वारा रामभोग प्रसाद, बक्सर के महत्व के बारे में पत्रिका आदि का वितरण किया गया। सभी यात्रियों को बक्सर रेलवे स्टेशन से विदा किए।


