शहीद हुए बक्सर के लाल का पार्थिव शरीर आते ही लोगों की नम हुए आंखे
बक्सर अप टू डेट न्यूज़| चौगाईं :- मुरार थाना क्षेत्र के फफदर गाँव निवासी कमलेश सिंह के 21 वर्षीय पुत्र विक्रम सिंह जम्मू कश्मीर के उधमपुर में चार दिन पहले हथियारों से भरी बक्तर बंद गाड़ी पलटने से शहीद हो गया। शाहिद विक्रम सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह गांव लाया गया। शहीद जवान विक्रम सिंह की पार्थिव शरीर गांव आते ही अपने मिट्टी के लाल को देखने के लिए लोगों की आँखे नम हो गई।
विक्रम सिंह अमर रहें के नारे गूंज उठा गांव
आर्मी दानापुर रेजीमेंट द्वारा एंबुलेंस से शव लाया गया। विक्रम की पार्थिव शरीर आते ही फफदर गांव में भारत माता की जय, वंदे मातरम जय हिंद, विक्रम सिंह अमर रहें के नारे गूंज उठा। वही पार्थिव शरीर पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने शहीद विक्रम सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर सलामी दी।
बताया जा रहा है कि कमलेश सिंह के 21 वर्षीय पुत्र विक्रम सिंह वर्ष 2019 में 53 आर्म्ड कोर में तैनाती हुई थी। 53 आर्म्ड कोर के जवान विक्रम सिंह अभी एक डेढ़ माह पहले ही लद्दाख में पोस्टेड हुए थे। इसके पूर्व होली के दौरान अपने पैतृक गांव पहुंचे जवान गांव और घर परिवार से मिल कर खुशी-खुशी ड्यूटी पर गए थे, लेकिन उन्हें क्या पता कि यह आगमन पैतृक गांव में आखिरी सफर रहेगा।
फफदर गांव शोक में डूब गया
शहीद आर्मी जवान के चाचा अशोक सिंह ने बताया कि चार पांच रोज पहले बक्तर बंद गाड़ी में सवार होकर हथियारों के साथ कहीं जा रहे थे। इसी दौरान पहाड़ी क्षेत्र में तकरीबन 50-60 फीट नीचे सेना के जवानों से भरी बक्तर बंद गाड़ी खाई में गिर गई। इस दौरान जवान विक्रम सिंह भी शहीद हो गया। शहीद जवान की पहचान होने के बाद शुक्रवार की अहले सुबह अधिकारियों के द्वारा इस मनहूस घटना की सूचना फफदर गांव में जवान विक्रम सिंह के परिजनों को दी गई।
शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरा फफदर गांव शोक में डूब गया। वही शहीद जवान विक्रम सिंह की माँ उषा देवी की रो रो कर बुरा हाल हो गया है। जबकि वही दादा विजय सिंह अपने नाटी के इस बलिदान से सुध बुध खोज चुके है। जवान विक्रम सिंह अपने दो भाइयों में बड़ा था। और लगभग तीन साल पहले अपने सैनिक पिता की प्रेरणा से भारतीय सेना में बहाल हुआ।
पार्थिव शरीर पहुंचने की खबर मिलते ही डुमरांव एएसपी श्री राज, डुमरांव इंस्पेक्टर , मुरार थानाध्यक्ष रवि कांत प्रसाद, बीडीओ तेज बहादुर सुमन सहित अनुमंडल क्षेत्र कई थाने की पुलिस सहित पदाधिकारी मौजूद रहे। और कड़कड़ाती धुप के बीच अफसर व अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचने वाले लोगों का हुजूम डटा रहा।



